Ravi Shastri -पूर्व कोच रवि शास्त्री का आया बुमराह को लेकर बयान, कहा-“उसमें टेस्ट खेलने को लेकर भूख है…”
Ravi Shastri -पूर्व कोच रवि शास्त्री का आया बुमराह को लेकर बयान, कहा-“उसमें टेस्ट खेलने को लेकर भूख है…” भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री जानते थे कि जसप्रीत बुमराह टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए बेताब थे क्योंकि यह तेज गेंदबाज खुद को ‘सफेद गेंद विशेषज्ञ’ के तौर पर बुलाना पसंद नहीं करता था। बुमराह आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में पहले नंबर पर रहने वाले पहले भारतीय तेज गेंदबाज हैं। विशाखापत्तनम टेस्ट में जीत से भारत को सीरीज में 1-1 से बराबरी दिलाने वाले मुकाबले में उन्होंने सिर्फ 91 रन देकर नौ विकेट झटके। इससे ये 30 साल का खिलाड़ी सबसे तेज 150 टेस्ट विकेट हासिल करने वाला भारतीय बन गया।
Ravi Shastri का बयान-
Ravi Shastri ने ‘द टाइम्स’ के लिए लिखने वाले इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल एथरटन को दिए एक साक्षात्कार में बुमराह के साथ अपनी बातचीत के बारे में बताया जिसमें भारत के तेज गेंदबाज बुमराह ने उनसे कहा था कि टेस्ट खेलना उनकी जिंदगी का ‘सबसे बड़ा दिन’ होगा। शास्त्री ने याद करते हुए कहा,”मुझे कोलकाता में उनसे पहली बातचीत याद है जिसमें मैंने उनसे पूछा था कि क्या उन्हें टेस्ट क्रिकेट में दिलचस्पी है? तब बुमराह ने कहा था कि ये उनके जीवन का सबसे बड़ा दिन होगा।” उन्होंने कहा,”उससे बिना पूछे ही उसे सफेद गेंद का विशेषज्ञ करार दे दिया गया। लेकिन मैं जानता था और देखना चाहता था कि उसमें टेस्ट खेलने को लेकर कितनी भूख है। मैंने बुमराह से कहा तैयार रहो। मैंने कहा कि मैं बुमराह को दक्षिण अफ्रीका में खिलाने जा रहा हूं। ” बुमराह ने जनवरी 2018 में केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया। शास्त्री ने कहा,”वो टेस्ट क्रिकेट में खेलने और अच्छा प्रदर्शन करने को लेकर बहुत उत्साहित है। “
Ravi Shastri :सफ़ेद गेंद का विशेषज्ञ मानने से किया इंकार-
Ravi Shastri पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने मुंबई इंडियंस के लिए इंडियन प्रीमियर लीग में बुमराह के शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें सिर्फ सफेद गेंद का विशेषज्ञ मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा,”वो विराट कोहली के साथ टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए बेताब था। बुमराह जानता है कि कोई भी सफेद गेंद के औसत को याद नहीं रखता है। लोग सिर्फ टेस्ट क्रिकेट में आपके नंबर हमेशा याद रखेंगे। ” साल 2014 में राष्ट्रीय टीम निदेशक की भूमिका निभाने के बाद मुख्य कोच बने शास्त्री ने अपने कार्यकाल में व्यक्तिगत प्रतिभा के बजाय टीम प्रतिभा पर ध्यान केंद्रित करने पर ज्यादा जोर दिया। शास्त्री ने कोहली को ‘बिना तराशा हीरा’ करार किया और कहा कि उन्होंने शुरुआत में ही उनमें भारतीय कप्तानी की काबिलियत देख ली थी।